रैगिंग जैसी समस्या आज के समय पर भी विभिन्न इंस्टिट्यूट,कॉलेज,स्कूल आदि में मौजूद है। रैगिंग करना या इसे प्रोत्साहन करना गैर-क़ानूनी है। जिसमें क़ानूनी के तौर पर दंड देने का प्रावधान है। इसलिए ऐसे गतिविधि में कभी स्टूडेंट को सम्मिलित नहीं होना चाहिए। इसे कम करने के लिए आवेदन फॉर्म भी भरा जाता है। ताकि इससे विद्यार्थियों को समस्या या असहज महसूस न करे। Anti Ragging Form को हमनें इस पोस्ट में उपलब्ध कराया है।
Anti Ragging Application Form 2024 | |
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Place (Ragging) | Institute, college, school etc. |
Form Format | |
Size | 60 KB |
एंटी रैगिंग फॉर्म क्या होता है?
इसे सरल भाषा में कहे तो रैगिंग को कम या समाप्त करने के लिए ‘एंटी रैगिंग नियम’ बनाया गया है। ताकि रैगिंग का शिकार होने से स्टूडेंट बच सके। जिसमें कोई सारे इंस्टिट्यूट में फॉर्म भी भरने का नियम बनाया गया है। रैगिंग को रोकने के उद्देश्य से उपयुक्त होने फॉर्म को ही ‘एंटी रैगिंग फॉर्म’ के नाम से भी जाना जाता है।
Download Anti Ragging Form PDF
यदि आप एंटी रैगिंग आवेदन फॉर्म को पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करने का सोच रहे हैं तो सही जगह पर आएं है। हमनें इंग्लिश भाषा में फॉर्म को उपलब्ध कराया है। परन्तु हिंदी भाषा में भी जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा। इंग्लिश में उपलब्ध वाले फॉर्म को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक कर क्लिक करे।
इसकी आवश्यकता क्यों?
चूँकि, रैगिंग एक गैर-क़ानूनी अपराध कार्य होता है। इसलिए इसे सरकार भी रोकने या कम करने के लिए कार्य कर रही है। ताकि इस तरह के हरकत से किसी भी विद्यार्थी का मानसिक स्थिति ख़राब न हो। क्योंकि रैंगिंग की वजह से स्टूडेंट उस इंस्टिट्यूट में पढ़ाई छोड़ देते है। इसके अलावा कोई इससे परेशान हो कर डिप्रेशन में आने के बाद आत्महत्या (Suicide) करने जैसे स्थिति में आते है। इसलिए सरकार एवं इंस्टिट्यूट विभाग की ओर से सख्त से सख्त कार्रवाई करने में भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
FAQs: Anti Ragging Application Form 2024
अधिकतर मामलों में देखें तो इसमें सीनियर क्लास के स्टूडेंट्स द्वारा जूनियर और नए एडमिशन लिए विद्यार्थियों के साथ होता है।
इसके लिए पहले इंस्टिट्यूट प्रबंधक के पास शिकायत करना चाहिए। परन्तु प्रबंधक द्वारा कोई ख़ास कार्रवाई न करने पर ओर रैगिंग से पीड़ित होने पर पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराएं।
इंस्टिट्यूट प्रबंधक को इसके लिए अनुशासन और नियमित निगरानी करनी होगी। ताकि स्टूडेंट्स का गतिविधि को नजर रखा जा सके।
प्रशासन द्वारा रैंगिंग करने वाले लोगों पर और इंस्टिट्यूट के संचालक पर क़ानूनी-कार्रवाई किया जा सकता है।